गया न कोई दर से खाली होती हर दिल की आस है पूरी गया न कोई दर से खाली होती हर दिल की आस है पूरी
दर्द के बीच में हमदर्द ढूँढता हूँ आजकल कांटों में छुपे फूल ढूँढता दर्द के बीच में हमदर्द ढूँढता हूँ आजकल कांटों में छुपे फूल ढूँढता
मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में
तुम्हारे शहर में नया था मैं और कुछ ख्वाब पुराने से, सभी अपने से लगते थे यहां और मैं तुम्हारे शहर में नया था मैं और कुछ ख्वाब पुराने से, सभी अपने से लगते थे यह...
ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी उसी चाव और शौक़-ओ-शग... ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी ...